EPF और NPS में आपके भविष्य के लिए कौन सा retirement plan सही है आये जानते हैं दोनों के बारे में
EPFO के अनुसार मार्च 2021 से फ़रवरी 2022 तक इन्होने कुल 1.1 करोड़ नए लोगो को जोड़ा
जबकि NPS (National pension scheme) के अंतर्गत वित्त वर्ष 2021-22 में 93.6 लाख लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया
दोनों scheme को retirement को सोच कर बनाया गया है जो आपको लम्बे समय में compound intrest का फायदा दिलाएगा
EPF के तहत आपको हर साल आपके पैसे पर ब्याज मिलता है, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होती है और जब आप रिटायर होते हैं तो यह एक मुस्त पैसा आपको एक साथ बड़ी रकम के रूप में मिलता है
NPS एक अलग तरह की scheme है इसमें आपके द्वारा हर महीने जमा किये पैसे पैसे को इक्विटी और डेब्ट market में निवेश किया जाता है
इसमें आपको मार्केट दर पर compounding का फायदा मिलता है और आपके retirement के बाद आपको एक अच्छा pension मिलना शुरू हो जाता है
EPF का फायदा सिर्फ सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के वेतनभोगी कर्मचारी ही ले सकते हैं, NPS के तहत कोई भी इंसान इससे जुड़ सकता है और अपने future की planning कर सकता है
NPS के तहत आपको सुविधा दी जाती है की आप अपने पैसे का कितना भाग equity में रखना चाहते है अधिकतर 75% है
जबकि EPF में निवेश किये गए पैसे पर आपका कोई control नहीं रहता की उन्हें कहाँ और कितनी मात्रा में निवेश किया गया है
बाज़ार के जानकारों का मानना है की आपको इन दोनों scheme में कुछ-कुछ निवेश करना चाहिए, आने वाले समय में दोनों के अपने फायदे है
इन दोनों scheme के तहत आपको टैक्स में सेक्शन 80c के तहत 1.5 लाख रूपये तक का टैक्स benefit मिलता है
वही पर आप NPS में सेक्शन 80CCD (1B) के तहत टैक्स में additional 50000 रूपये तक की छुट ले सकते है
NPS का चुनाव लोग ज्यादा टैक्स में छुट लेने के लिए भी करते है, इसमें जमा की गई राशि की कोई लिमिट नहीं है खासतौर पर यह एक बड़ी राशि निवेश करने के लिए उपयुक्त है
आप चाहे तो NPS में maturity के समय 60% तक की राशि निकाल सकते है जो टैक्स फ्री है
EPF के तहत maturity के समय मिलने वाली राशि टैक्स फ्री है लेकिन अगर आपके द्वारा हर साल जमा की गई राशि पर अगर आपको 2.5 लाख से ज्यादा का ब्याज मिलता है तो उसपे आपको टैक्स देना होगा